Friday, April 28, 2017

आमेर का दुर्ग

  • प्राचीन समय में जयपुर राज्य की राजधानी आमेर थी , यह आमेर दुर्ग जयपुर से 11 कि.मी. दुरी पर पूर्व में स्थित है ।
  • आमेर का दुर्ग माओटा झील के किनारे स्थित  पहाड़ी पर बना हुआ है ।
  • यहां पर पहले कई बावड़ियाँ मोजूद थी , यहां पर प्राचीन समय में कुएँ, उद्यान,और कुण्ड की भी कोई कमी नहीं थी ।
  • यह आमेर का किला मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है ।
  • आमेर का पुराना नाम अम्बावती था। इस नगर का प्राचीन नाम अम्बिकेश्वर था ।
  • अम्बिकेश्वर का अर्थ होता है अम्बिका ( दुर्गा ) का पति अर्थात शिव है ।
  • अम्बिकेश्वर में एक प्राचीन शिवालय भी है । यह मंदिर विश्व के अद्भूत मंदिरों में से एक है।
  • मंदिर का मूल शिवलिंग धरती माता के गर्भ गृह में स्थित है जो जमीन से 15 फुट की गहराई में स्थित है ।
  • यहां पर वर्षा के दिनों में यह मंदिर 6 से 7 महीने तक जलमग्न रहता है। इसीलिए अम्बिकेश्वर भगवान के दर्शन साल में 5 से 6 महीने तक ही हो पाते है।
  • आमेर किले का निर्माण 17वीं शताब्दी के शुरुआत में राजा मानसिंह ने शुरू करवाया ।
  • लेकिन 100 वर्ष  के बाद सवाई जयसिंह ने इस महल के कार्य को पूर्ण करवाया ।
  • आमेर के राजमहल के प्रवेश द्वार पर गणपति की मूर्ति स्थित है ।
  • आमेर के  महल में स्थित शिरोमणि का मंदिर सुंदर भवन है । 
  • इस शिरोमणि मन्दिर के प्रवेश द्वार पर सुंदर तोरण और श्री गरुड़ जी की मूर्ति स्थापित है इस मंदिर का निर्माण मानसिंह प्रथम ने किया था , इस मंदिर बनाने के लिए 80 लाख रुपये उस समय खर्च हुए थे ।
  • यह मंदिर राजा मानसिंह ने जब चित्तौड़ पर आक्रमण किया तब राजा जगत सिंह मारा गया था , उसी की याद में राजा मानसिंह ने यह जगत शिरोमणि माता का मंदिर बनवाया था ।
  • मंदिर में मुख्य प्रतिमा भगवान विष्णु जी की है राजा मानसिंह द्वारा लाई गई गिरधारी जी की मुर्ति भी इस मंदिर में स्थापित है ।
  • महलों में दीवाने -खास और जय मंदिर कला की सीमा है ।
  • मुख्य द्वार के पास जयपुर के राजाओं अर्थात कच्छवाह वंश के राजाओं की कुलदेवी " शिलामाता " का मन्दिर स्थित है ।
  • आमेर के महल का शीशमहल बहुत ही सुंदर और आकर्षक है ।
  • लेखक हैबर आमेर के महलों की सुंदरता कहता है की " मैने क्रेमलिन में जो कुछ देखा है और अलब्रह्राण्ड के बारे में जो कुछ सुना है उससे भी बढ़कर ये महल है ।
  • " दीवान-ए-आम " का निर्माण मिर्जा राजा जय सिंह ने किया था ।
  • आमेर शक्तिशाली किले जयगढ़ जो लगभग 150 मी. की ऊंची चोटी पर स्थित है अपने राजमहल की रक्षा करता प्रतीत होता है ।

  • आमेर पर्यटन की दृष्टि से अपनी सुंदरता का और महानता का आकर्षक केंद्र है ।

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